काबुली चना जिसे काबुली चना या गार्बानो बींस के नाम से भी जाना जाता यह एक बहुमुखी और पौष्टिक कली है जिसका डिफरेंट-डिफरेंट व्यंजन में उपयोग किया जाता है
यह अपने स्वार्थ के लिए जाना जाता है कभी चना परंपरिक और आधुनिक दोनों तरह के खाना पकाने में एक लोकप्रिय है चलिए मैं आप सभी को आज इसके बारे में डिटेल बताता हूं
![Kabuli Chana Benefits: काबुली चना का सेवन करने से मिलते है कई फायदे](https://healthckc.com/wp-content/uploads/2023/07/Kabuli-Chana-Benefits-काबुली-चना-का-सेवन-करने-से-मिलते-है-कई-फायदे-2-2-300x157.jpg)
काबुली चने के पोषण मूल्य
कभी सेना आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर है आप इसे किसी भी अन्य व्यंजन में मिलाकर बना सकते हैं यह पौधे-आधारित प्रोटीन आहार फाइबर ,विटामिन और खनिज का एक बहुमूल्य स्रोत है पके हुए काबुली चना 100 ग्राम
प्रोटीन: 19 ग्राम
फ़ाइबर: 17 ग्राम
फोलेट: 27%
आयरन: 26%
जिंक: 17%
प्रोटीन ,फाइबर,फोलेट, जिंक आयरन इतने मात्रा में पाया जाता है
काबुली चना का स्वास्थ्य लाभ
काबिल चना का स्वास्थ्य लाभ में आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूं|
पाचन स्वास्थ को समर्थन करता है: कभी थाना में उच्च फाइबर पाए जाते हैं जो हमारे मल त्याग को बढ़ावा देती है और स्वास्थ्य पाचन तंत्र को बनाए रखने में सहायता करती है|
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रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करता
काबुली चना मैं ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम मात्रा में पाए जाते हैं जिसका अर्थ है कि यह रक्त शर्करा के स्तर में धीमी
और स्थिर वृद्धि का कारण बनता है अपने रक्त शर्करा को नियंत्रित करने का लक्ष्य रखने वाले लोगों के लिए उपयुक्त बनाता है|
काबुली चना ह्रदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है|
काबुली चना में घुलनशील फाइबर की उपस्थित कोलेस्ट्रोल का स्तर को कम करने में मदद करती है जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है
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काबुली चना में वजन प्रबंध को बढ़ावा देता है
काबुली चना में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर पाए जाते हैंकाबुली चना तृप्ति की भावना प्रदान करता है,
अनावश्यक स्नैकिंग पर अंकुश लगाता है और वजन प्रबंधन प्रयासों में सहायता करता है।
काबुली चना आवश्यक खनिज प्रदान करता है
काबुली चना में लौह ,जस्ता ,फास्फोरस और मैंगनीज का स्रोत पाए जाते हैं जो स्वस्थ शरीर कार्यों को बनाए रखने के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है
काबुली चना को कैसे उपयोग करें
काबुली चना का उपयोग विभिन्न तरीके से किया जा सकता इसे अपने भोजन में शामिल करने के कुछ लोकप्रिय तरीके यहां दिए गए|
चना मसाला: पके हुए काबुली चना के साथ प्याज टमाटर और मसालों को भूनकर एक स्वादिष्ट भारतीय करी तैयार करें फिर आप उसे अपने चावल या मनपसंद रोटी के साथ पड़ोस कर खाएं|
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सुबह का नाश्ता: पके हुए काबुली चने को मसालों और नमक के साथ मिलाले फिर एक स्वास्थ्य और प्रोटीन से भरपूर नाश्ते का आनंद लें
काबुली चना खरीदें
काबुली चना खरीदते समय सूखे पैकेट या डिब्बा चुने |इसे आप पानी के स्रोत के जगह ना रखें यदि आप पैकेट खरीद रहे हैं
तो उसे आप अच्छे से डेट चेक कर ले तभी उससे खरीदें| सबसे अच्छा जगह होता है काबुली चना को सुखी जगह पर रखना|
काबुली चना रेसिपी
1 कप चना ले ले, और 1 प्याज बारीकी से कटा हुआ ले ले, 1 टमाटर ले, 2 चम्मच अदरक लहसुन का पेस्ट ले ले,
एक चम्मच जीरा, एक चम्मच धनिया पाउडर,1/2 हल्दी पाउडर,1/2 लाल मिर्च, और अपने स्वाद अनुसार नमक ले ले, और हरी धनिया|
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निर्देश:
काबुली चना को रात भर भिगोकर रखें और नरम होने तक पकाएं इसे|
आप एक पैन में तेल गर्म करके और उसमें जीरा डालकर chhokle अच्छे तरीके से फिरोज में कटा हुआ प्याज डालें और उसे तब तक भूनें जब तक हो ब्राउन ना हो जाए|
अदरक लहसुन का पेस्ट डालें और 1 मिनट तक पकाएं उसे फिर उस में ऐड करें हल्दी पाउडर, और नमक डालें| तेल अलग होने तक पकाएं उसे फिर उसमें पके हुए काबली चने डालें
और 10 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं| और जब पक जाए उसे तो ऊपर से हरी धनिया डालें फिर उसे सजाकर चावल या रोटी के साथ सर्व करें|
काबुली चना का सलाद:
एक कप उबले हुए चना ले ले, एक टमाटर ले, कटा हुआ एक प्याज, कटा हुआ 2 बड़े चम्मच नींबू का रस ले ले,
1 बड़े चम्मच जैतून का तेल ले ले और उसके ऊपर नमक स्वाद अनुसार और काली मिर्च डालें ले|
निर्देश:
एक कटोरा में काबुली चना, खीरा, टमाटर और प्याज मिलाए| एक अलग छोटे कटोरी में नींबू का रस ले ले और स्वादानुसार नमक और काली मिर्च लैला|
यह सभी को आप अच्छे तरीके से एक कटोरे में मिक्स कर लें फिर सलाद का आनंद लें|
निष्कर्ष
काबुली चना जिसे हम गार्बानो बीन्स के नाम से भी जानते हैं इससे हमें कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान होते हैं इसमें अधिक पाए जाने वाले प्रोटीन, फाइबर और खनिज है
चाहे तो आप इसे सलाद भी बनाकर खा सकते हैं या फिर सब्जी में इस्तेमाल कर कर भी खा सकते हैं या इसे भूल कर भी खा सकता यह आपके ऊपर डिपेंड है आप कैसे खाना पसंद करते हैं |
FAQ:
1.काबुली चना और काला चना में क्या अंतर है?
काबुली चना देखने का बड़ा होता और काला चना काला होता और छोटा होता
है काबुली चना मैं प्रोटीन फाइबर ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं और कल आ जाना काबुली चना के मुकाबले कम पाय जाते है
2.काबुली चना की पहचान कैसे करें?
आकार एवं आकार: काबुली चना चने की अन्य किस्मों की तुलना में आकार में अपेक्षाकृत बड़ा होता है। इनका आकार गोल होता है और ये आमतौर पर चिकने होते हैं।
रंग : काबुली चने का रंग हल्का क्रीम या मटमैला होता है। बाहरी त्वचा आमतौर पर पीली और चिकनी होती है।
बनावट: काबुली चने की बनावट सख्त और चिकनी होती है। पकने पर, वे नरम हो जाते हैं और उनमें मक्खन जैसी स्थिरता होती है।
स्वरूप: काबुली चने की किडनी या अंडाकार आकृति अलग होती है। फलियाँ थोड़ी घुमावदार या मुड़ी हुई दिखती हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि काबुली चना चने की ही एक किस्म है। इसकी अन्य किस्में भी हैं, जैसे देसी चना, जो छोटा और गहरे रंग का होता है।
हालाँकि, काबुली चना दुनिया भर के व्यंजनों में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली किस्म है। मेरे मालिक का नाम मेरे मालिक का सबसे बड़ा मंदिर
3.काबुली चना कितने रुपये किलो है?
काबुली चना (चना) की कीमत क्षेत्र, गुणवत्ता और बाजार की स्थितियों जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर भिन्न हो सकती है। सितंबर 2021 में मेरी जानकारी के अनुसार, काबुली चना की औसत कीमत रु. 80 से रु.
भारत में प्रति किलोग्राम 100 रु. हालाँकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि तब से कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए नवीनतम मूल्य निर्धारण जानकारी के लिए स्थानीय बाजारों या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से जांच करने की अनुशंसा की जाती है।